HMPV से सतर्क: केंद्र ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिए निर्देश

HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं। जानें इस वायरस के लक्षण, जांच और उपचार के बारे में।
- केंद्र ने राज्यों को HMPV की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए।
- HMPV एक RNA बेस्ड वायरस है, जो सांस के जरिए फैलता है।
- फिलहाल RT-PCR टेस्ट द्वारा जांच की जा रही है।
- विशेषज्ञों ने समय पर जांच और सही देखभाल की सलाह दी है।
- राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।
परिचय
हाल ही में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुछ मामले सामने आने के बाद, केंद्र सरकार ने राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी रोग (SARIs) सहित श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, HMPV की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह भी दी गई है।
मुख्य जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में HMPV के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई और एहतियात के तौर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। श्रीवास्तव ने कहा, “HMPV का संक्रमण तेजी से फैल सकता है, इसलिए समय पर रोकथाम बेहद जरूरी है।”
HMPV की पहचान और लक्षण
HMPV एक RNA बेस्ड वायरस है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इसके अलावा, यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
जांच और उपचार
भारत में HMPV की जांच फिलहाल RT-PCR टेस्ट के माध्यम से की जा रही है, जो गोल्ड स्टैंडर्ड मानी जाती है। निजी लैब में किए गए टेस्ट का फाइनल रिजल्ट पुणे की लैब में सत्यापित किया जा रहा है। AIIMS के पूर्व निदेशक ने कहा, “HMPV वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सही देखभाल और राहत प्रदान करने वाली दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है।”
सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पून्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा, “एहतियात के तौर पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट कर दिया है।” बैठक में मौजूद विशेषज्ञों ने यह भी दोहराया कि आईडीएसपी के आंकड़े देश में कहीं भी ILI/SARI मामलों में किसी असामान्य वृद्धि को नहीं दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह जरूरी है कि हम सभी जागरूक रहें और एहतियाती कदम उठाएं। समय पर जांच और सही देखभाल के माध्यम से इस वायरस से बचाव संभव है। राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर काम कर रही हैं ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
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