जानिए बीपीएससी परीक्षा विवाद में पप्पू यादव और प्रशांत किशोर ने कैसे विद्यार्थियों के समर्थन में किया विरोध प्रदर्शन। छात्रों की मांगों और विभिन्न दृष्टिकोणों को समझें।
- बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग
- प्रशांत किशोर का गांधी मैदान में आमरण अनशन
- पप्पू यादव का समर्थन और बयान
- प्रशासन ने अनशन को अवैध करार दिया
परिचय
बिहार में बीपीएससी (BPSC) परीक्षा को लेकर विद्यार्थी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों छात्रों के विरोध प्रदर्शन में वार-पलटवार ने एक नया मोड़ ले लिया जब प्रमुख राजनीतिक हस्तियों, पप्पू यादव और प्रशांत किशोर ने छात्रों के समर्थन में कदम बढ़ाया।
मुख्य जानकारियां
पटना के गांधी मैदान में प्रशांत किशोर और सचिवालय हाल्ट पर पप्पू यादव ने छात्रों की मांगों को समर्थन देते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांग थी कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा को रद्द किया जाए और दोबारा आयोजित किया जाए।
पप्पू यादव का बयान
प्रदर्शन के दौरान पप्पू यादव ने कहा, ‘बिहार और पूरा देश छात्रों को लेकर बहुत चिंतित है। यह लड़ाई सिर्फ BPSC की नहीं है, यह 13 करोड़ लोगों के बच्चों के भविष्य की लड़ाई है।’ उन्होंने वर्तमान सरकार पर भी तीखा हमला किया और कहा कि सरकार ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में नहीं रखा है।
प्रशांत किशोर का अनशन
वहीं, प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘हम अपना काम कर रहे हैं, सरकार को अपना काम करने दीजिए।’ प्रशासन की कड़ी चेतावनी के बावजूद प्रशांत ने अनशन जारी रखा है, जिससे सरकार पर दबाव बना हुआ है।
विभिन्न दृष्टिकोण
जहां एक तरफ छात्रों का कहना है कि यह उनकी भविष्य की लड़ाई है, वहीं प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को न हटाने की कोशिश की है। पटना जिला प्रशासन ने अनशन को अवैध करार देते हुए किशोर से गांधी मैदान खाली करने की अपील की है।
निष्कर्ष
बीपीएससी परीक्षा विवाद ने बिहार में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। विद्यार्थियों का समर्थन करते हुए पप्पू यादव और प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे छात्रों की मांगों को लेकर गंभीर हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस विवाद का हल कैसे निकालते हैं।