संक्रांति के सीजन में वेंकटेश और अनिल रविपुडी की ‘संक्रान्तिकी वस्तुनम’

जानिये संक्रांति के खास मौके पर आई वेंकटेश और अनिल रविपुडी की फिल्म ‘संक्रान्तिकी वस्तुनम’ का विस्तृत रिव्यू।
- वेंकटेश का शानदार प्रदर्शन
- अनिल रविपुडी की पारिवारिक कॉमेडी
- हनुमान जेठवा का कैमरा वर्क
- भारीभरकम संगीत
- मनोरंजक सीक्वेंस
परिचय
विजय वेंकटेश और निर्देशक अनिल रविपुडी की फिल्म ‘संक्रान्तिकी वस्तुनम’ के पहले गाने ‘गोदारी गट्टु’ के वायरल होने से यह फिल्म काफी चर्चा में आ गई थी।
मुख्य जानकारी
यह कहानी बताती है कि कैसे एक गिरोह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के सीईओ सत्या अक्केला (स्रीनिवास अवसाराला) का अपहरण कर लेता है।
कलाकारों का प्रदर्शन
वेंकटेश ने राजू का किरदार बिना किसी कठिनाई के निभाया है।
तकनीकी उत्कृष्टता
इस प्रकार की फिल्मों में तकनीकी उत्कृष्टता प्राथमिकता नहीं होती है, लेकिन सिनेमैटोग्राफर समीर रेड्डी ने अपने कुशल कैमरा वर्क से इसे नेत्र सुखद बना दिया है।
विश्लेषण
निर्देशक अनिल रविपुडी ने अपने हस्ताक्षर शैली को वापस लाया है, जो पारिवारिक कॉमेडी पर ध्यान केंद्रित करती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर ‘संक्रान्तिकी वस्तुनम’ एक उत्सव के लिए बनाई गई फिल्म है, जिसमें मनोरंजन पर अधिक ध्यान दिया गया है।
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