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OYO की नई चेक-इन पॉलिसी: मेरठ से हुई शुरुआत

ओयो ने मेरठ में अपने पार्टनर होटलों के लिए नई चेक-इन पॉलिसी पेश की है जिसमें अविवाहित जोड़े अब चेक-इन नहीं कर सकेंगे। अधिक जानें।

परिचय

ओयो, भारत की प्रमुख हॉस्पिटैलिटी चेन, ने अपने पार्टनर होटलों के लिए एक नई चेक-इन पॉलिसी की घोषणा की है, जिससे मेरठ से शुरुआत हो चुकी है। यह पॉलिसी इस वर्ष से प्रभावी है और इसके अनुसार अब अविवाहित जोड़ों को ओयो के पार्टनर होटलों में चेकिन करने की अनुमति नहीं होगी।

मुख्य विवरण

नई पॉलिसी के तहत, जोड़ों को चेक-इन के समय अपने संबंध का वैध प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, चाहे बुकिंग ऑनलाइन की गई हो या ऑफलाइन। ओयो ने अपने पार्टनर होटलों को स्थानीय सामाजिक मानकों के अनुसार अपने निर्णय के आधार पर जोड़ों की बुकिंग को अस्वीकार करने की स्वायत्तता दी है। ओयो ने अपने पार्टनर होटलों को इस पॉलिसी को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है।

सामाजिक प्रतिक्रिया

ओयो की नई चेक-इन पॉलिसी ने नेटिज़ेंस के बीच बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स ने पॉलिसी का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘पालक पनीर बिना पनीर के,’ जबकि अन्य अधिक गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, जैसे कि मौलिक अधिकार। एक यूजर ने लिखा, ‘यह पॉलिसी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, यह अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करती है।’

ओयो का दृष्टिकोण

ओयो के नॉर्थ इंडिया के रीजन हेड पावस शर्मा ने पीटीआई को बताया, ‘ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार आतिथ्य प्रथाओं को बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध है। जबकि हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, हम अपने ऑपरेशन के क्षेत्रों में कानून प्रवर्तन और नागरिक समूहों के साथ सहयोग करने की जिम्मेदारी को भी पहचानते हैं। हम इस पॉलिसी और उसके प्रभाव की समय-समय पर समीक्षा करते रहेंगे।’

विवाद और प्रतिक्रिया

ओयो की इस पहल को लेकर लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कंपनी ने यह कदम अपनी पुरानी छवि को सुधारने और इसे परिवारों, छात्रों, व्यवसायिक यात्रियों, धार्मिक समूहों और एकल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित अनुभव प्रदान करने वाली ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए उठाया है। पॉलिसी का समर्थन करने वाले लोगों का मानना है कि यह पॉलिसी स्थानीय सामाजिक मानदंडों का सम्मान करती है। दूसरी तरफ, विरोध करने वाले इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं।

निष्कर्ष

ओयो की नई चेक-इन पॉलिसी के कारण ऊहापोह का माहौल बना हुआ है। कंपनी का कहना है कि यह कदम ग्राहकों के विश्वास और निष्ठा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भविष्य में यह देखना रोचक होगा कि यह पॉलिसी अन्य शहरों में कैसे लागू होती है और उसका प्रभाव क्या होता है।

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