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हिमालय के उत्तरी क्षेत्रों में 6.8 तीव्रता के भूकंप का कहर

मंगलवार को हिमालय के उत्तरी इलाकों में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने तिब्बत, नेपाल, भूटान और भारत को झकझोर दिया, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई।

परिचय

मंगलवार को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के पास हिमालय के उत्तरी इलाकों में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने क्षेत्र में तबाही मचाई। इस भूकंप में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और इससे नेपाल, भूटान और भारत सहित पड़ोसी देशों में भी इमारतों में कंपन महसूस किया गया।

मुख्य जानकारी

भूकंप सुबह 9.05 बजे (0105 GMT) हुआ, जिसका उपकेंद्र तिंगरी नामक ग्रामीण जिले में था, जो एवरेस्ट क्षेत्र के उत्तरी द्वार के रूप में कार्य करता है। भूकंप की गहराई 10 किमी (6.2 मील) बताई गई है, जैसा कि चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र द्वारा रिपोर्ट किया गया है। चीन के राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारक सीसीटीवी ने रिपोर्ट किया कि तिब्बत की ओर कम से कम 53 लोग मारे गए। दिल्ली-एनसीआर और बिहार के कई उत्तर भारतीय क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए।

प्रभावित क्षेत्र

भूकंप के प्रभाव का सबसे अधिक अनुभव तिब्बत में किया गया, जहां कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और सड़कों पर दरारें आ गईं। नेपाल और भूटान में भी लोगों ने झटकों का अनुभव किया और कई स्थानों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। भारत में, विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों बिहार और दिल्ली-एनसीआर में, नागरिकों ने झटकों को महसूस किया और घरों से बाहर निकल आए।

प्रतिक्रिया और राहत कार्य

भूकंप के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। चीनी सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएँ भेजीं और तिब्बत में अधिकारी मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप के बाद के झटके भी महसूस किए जा रहे हैं, जिससे स्थिति और कठिन हो गई है।

निष्कर्ष

इस भूकंप ने एक बार फिर से हमें प्राकृतिक आपदाओं के संभावित खतरों की याद दिलाई है। तिब्बत, नेपाल, भूटान और भारत के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं, और लोग सामान्य जीवन में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रकार की आपदाओं के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए।

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