बीपीएससी परीक्षा को लेकर बिहार में जोरदार प्रदर्शन

बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर बिहार में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर विस्तृत रिपोर्ट। जानिए छात्रों की मांगें, प्रशासन की प्रतिक्रिया और राजनीतिक समर्थन।
- बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक के आरोप
- 4 जनवरी को पटना के 22 केंद्रों पर पुनः आयोजित परीक्षा
- वामपंथी दल, युवा कांग्रेस और पप्पू यादव का समर्थन
- प्रशासन द्वारा सख्त सुरक्षा इंतजाम
- छात्रों की सभी परीक्षा केंद्रों की परीक्षाएं रद्द करने की मांग
परिचय
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर विवाद और छात्रों के विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीपीएससी द्वारा 4 जनवरी को पुनः परीक्षा आयोजित की जा रही है, लेकिन इसमें भी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
मुख्य विवरण
13 दिसंबर को हुई बीपीएससी परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के बाद, बीपीएससी ने पुनः परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया। 4 जनवरी को पटना के 22 केंद्रों पर लगभग 12,000 परीक्षार्थियों ने फिर से परीक्षा दी। जिला प्रशासन ने परीक्षा को निष्पक्ष बनाने के लिए सख्त नियम और सुरक्षा इंतजाम किए थे। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक जांच के माध्यम से निगरानी की गई।
छात्रों का विरोध और राजनीतिक समर्थन
छात्रों ने पुनः परीक्षा के फैसले का विरोध किया और मांग की कि सभी परीक्षा केंद्रों की परीक्षाएं रद्द कर पुनः आयोजित की जाएँ। वामपंथी दलों, भारतीय युवा कांग्रेस, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव ने छात्रों के समर्थन में आंदोलन किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया। पटना, अररिया, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में टायर जलाकर प्रदर्शन किए गए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और तैयारी
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए 22 जोनल मजिस्ट्रेट, 7 उड़नदस्ता दल और अन्य अधिकारी तैनात किए गए थे।
अनियमितताओं के आरोप और बीपीएससी की प्रतिक्रिया
बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है और पेपर लीक की अफवाहें गलत हैं। पुनः परीक्षा का परिणाम मुख्य परीक्षा के साथ घोषित किया जाएगा।
निष्कर्ष
बीपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों का गुस्सा और असंतोष अब भी जारी है। वे मांग कर रहे हैं कि सभी परीक्षा केंद्रों की परीक्षाएं रद्द कर पुनः आयोजित की जाएँ। दूसरी तरफ, बीपीएससी ने अपनी निष्पक्षता पर विश्वास दिलाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे निकलेगा।
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