बिहार में BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर हंगामा, पुनर्परीक्षा की मांग

BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बीच हजारों छात्र पुनर्परीक्षा की मांग पर अड़े हैं। जानिए ताजा अपडेट्स।
- 13 दिसंबर को हुई BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप।
- पुनर्परीक्षा 4 जनवरी को आयोजित हुई।
- परिणाम 25 से 30 जनवरी के बीच घोषित होने की संभावना।
- हजारों छात्र पटना के गांधी मैदान में धरने पर।
- प्रशांत किशोर और नेता प्रतिपक्ष का समर्थन।
परिचय
बिहार में BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं और गड़बड़ियों का मामला तूल पकड़ रहा है। हजारों छात्र परीक्षा रद्द करके फिर से आयोजित करने की मांग कर रहे हैं।
मुख्य विवरण
13 दिसंबर को बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर पेपर देरी से मिला और पेपर की सील पहले से खुली हुई थी।
पुनर्परीक्षा और परिणाम
आयोग ने जांच के बाद केवल बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द कर 4 जनवरी को फिर से आयोजित की। इसमें करीब 12,000 अभ्यर्थियों के लिए 22 परीक्षा केंद्र पर पुनर्परीक्षा संपन्न हुई। अब आयोग 25 से 30 जनवरी के बीच परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
हजारों अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठे हैं और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष और विभिन्न राजनीतिक दलों ने छात्रों का समर्थन किया है। प्रशांत किशोर भी इस आंदोलन में शामिल हैं और प्रशासन से ‘छात्र संसद’ की अनुमति मांगी थी जो नहीं मिली।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पटना के डीएम चंद्रशेखर ने प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा है। उनका कहना है कि गांधी मूर्ति के पास धरना देना मना है। उन्होंने कहा, ‘हमने नोटिस दिया था लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। पहले पुनर्परीक्षा संपन्न हो जाए, उसके बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।’
नॉर्मलाइजेशन और निष्पक्षता
परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि परिणाम घोषित करने के दौरान जरूरत पड़ी तो स्केलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि नॉर्मलाइजेशन के जरिए कठिन और आसान शिफ्ट के अंकों को संतुलित किया जाएगा।
निष्कर्ष
छात्रों का यह आंदोलन बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग को लेकर है। BPSC का निर्णय छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा।