आरिफ मोहम्मद खान बने बिहार के 42वें राज्यपाल

आरिफ मोहम्मद खान ने बिहार के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ली। जानें इस महत्वपूर्ण समारोह के प्रमुख विवरण और नई भूमिका में उनके विचार।
- आरिफ मोहम्मद खान ने बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
- समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
- आरिफ मोहम्मद खान ने बिहारवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।
- उन्होंने अपनी नई भूमिका में राज्य के विकास के लिए तत्पर रहने का वादा किया।
परिचय
आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाई। यह समारोह पटना के राजभवन के राजेंद्र मंडप में आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुख्य विवरण
शपथ ग्रहण करने के बाद आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास है और यहाँ के लोगों में उत्कृष्ट क्षमता है। उन्होंने बिहारवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे राज्य की सेवा और कल्याण के लिए तत्पर हैं।
राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी
इससे पहले आरिफ मोहम्मद खान केरल के राज्यपाल थे। वे बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जैसी प्रमुख राजनीतिक दलों में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारियाँ भी संभाली हैं।
मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं के साथ मुलाकात
शपथ ग्रहण से पहले, एक जनवरी को आरिफ मोहम्मद खान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गाँव कल्याण बिगहा, हरनौत पहुंचे थे। वहाँ उन्होंने नीतीश कुमार की माता स्व. परमेश्वरी देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नए साल के मौके पर आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
नए राज्यपाल की भूमिका
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं श्रद्धापूर्वक बिहार के राज्यपाल के पद का कार्यपालन करूंगा तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में बिहार के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है और वे राज्य के विकास के लिए लगातार प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष
आरिफ मोहम्मद खान के बिहार के राज्यपाल बनने से राज्य में नए उत्साह का माहौल है। उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को ध्यान में रखते हुए, बिहार के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।