सरकार की 8वीं वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का जीवन श्रेणी में सुधार

आठवीं वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और पेंशन में सुधार लाने के लिए किया गया है। जानें इसके मुख्य लाभ और प्रभाव।
- केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन में वृद्धि की संभावना।
- महंगाई राहत (DR) के माध्यम से पेंशनधारकों के भत्तों में वृद्धि।
- आयोग की सिफारिशें 2026 से पहले लागू होने की संभावना।
परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार के 8वीं वेतन आयोग के गठन का निर्णय उपभोग को बढ़ावा देगा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। उन्होंने सराहना की कि सभी सरकारी कर्मचारी विकसित भारत के निर्माण में योगदान कर रहे हैं।
मुख्य विवरण
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में घोषणा की कि 8वीं वेतन आयोग का गठन किया जाएगा, जिससे लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के वेतन और भत्तों की समीक्षा की जाएगी। यह कदम 2026 में 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह आयोग 2025 में सृजित किया जाएगा ताकि इसके सिफारिशों का समय पर क्रियान्वयन हो सके।
वेतन और पेंशन में संभावित वृद्धि
टीमलीज के उपाध्यक्ष कृष्णेंदु चटर्जी ने आर्थिक समय से कहा कि औसत पेंशन वृद्धि वेतन वृद्धि के साथ तालमेल में होनी चाहिए। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.5-2.8 पर सेट होता है, तो पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 22,500-25,200 रुपये हो सकती है।
वेतन और पेंशन में संभावित वृद्धि
FOX मंडल के पार्टनर सुमित धर ने कहा कि अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 के अनुसार स्वीकृत होता है, तो सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन और पेंशन 186% तक बढ़ सकता है।
मुद्रास्फीति और भत्तों पर प्रभाव
SKV लॉ ऑफिसेज के सीनियर असोसिएट निहाल भारद्वाज ने कहा कि 8वीं वेतन आयोग के तहत पेंशन में 25-30% की वृद्धि की संभावना है। पेंशनधारकों के लिए भत्तों में वृद्धि और महंगाई राहत (DR) महत्वपूर्ण हो सकते हैं ताकि वे बढ़ती लागतों का सामना कर सकें।
निष्कर्ष
आठवीं वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण सुधार ला सकती हैं। यह कदम महंगाई को संतुलित करने और कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा करने में मदद करेगा।